Not known Details About Shiv chaisa
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सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
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बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥ वेद नाम महिमा तव गाई।
शिव पूजा में सफेद चंदन, चावल, कलावा, धूप-दीप, पुष्प, फूल माला और शुद्ध मिश्री को प्रसाद के लिए रखें।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥ सहस कमल में हो रहे धारी ।
सहस shiv chalisa in hindi कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
शिव आरती